छाया मत छूना, कविता, tenth Hindi कवि गिरिजा कुमार माथुर, chhaya mat chhuna , poem , summary
बिमल हिंदी .इन bimal hindi.in हिन्दी भाषा और लिपि के बारे में पढ़ें डॉ.उमेश कुमार सिंह के द्वारा लिखित छाया मत छूना, कविता, गिरिजा कुमार माथुर, chhaya mat chhuna , poem , summary छाया मत छूना कविता, छाया मत छूना कविता के कवि गिरिजा कुमार माथुर का जीवन परिचय, छाया मत छूना कविता का भावार्थ और व्याख्या,छाया मत छूना पाठ का प्रश्न उत्तर। Chhaya mat chhuna poem, Girija Kumar Mathur Jiwan parichay, chhaya mat chhuna questions answers . NCERT solutions, tenth class hindi poem chhaya mat chhuna, "छाया मत छूना" कविता के माध्यम से कवि गिरिजा कुमार माथुर यह बताने का प्रयास करते हैं कि जीवन में सुख और दुख दोनों आते हैं। सुख दुख के मिश्रण से ही जीवन बनता है। इसलिए बिते दिनों के सुख को याद कर वर्तमान के दुख को बढ़ावा देना उचित नहीं है। छाया मत छूना मन, होगा दुख दूना। जीवन में हैं सुरंग सुधियां सुहावनी छवियों की चित्र गंध फैली मनभावनी, तन - सुगंध शेष रही, बीत गई यामिनी, कुंतल के फूलों की याद बनी चांदनी। भूली सी एक छुअन बनता हर जीवन क्षण - छाया मत छूना मन,