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Tamatar khane ke phayda टमाटर खाने के फायदे

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         टमाटर खाने के फायदे  Tamatar khane ka phayda  टमाटर की खेती लगभग संपूर्ण भारत वर्ष में की जाती है। इसकी गिनती सब्जी और फल दोनों में होती है। सब्जी में मिलाने से सब्जी का जायका बढ जाती है। यहां टमाटर खाने के लाभ , हानि तथा टमाटर खाने से किसे परहेज करना चाहिए। यहां बताया गया है। टमाटर पाचन शक्ति को बढ़ाता है - टमाटर पाचन शक्ति को बढ़ाता है। जिनकी पाचनशक्ति कमजोर हो वे टमाटर का सेवन अवश्य करें। इससे लाभ मिलता है। टमाटर विटामिन का भंडार है। लाल टमाटर विटामिन ए का अच्छा स्रोत है। आंखों की रौशनी बढ़ाने में सहायक है। टमाटर त्वचा के लिए भी लाभदायक है। टमाटर खाने से त्वचा खूबसूरत, मुलायम और चमकदार होती है। टमाटर हड्डियों को मजबूत करने में मदद करता है। इसमें कैल्शियम की मात्रा भरपूर मिलती है।   टमाटर डायबिटीज रोगियों को भी लाभ पहुंचाता है। इसलिए टमाटर जरूर खाएं। लेकिन किडनी के मरीज डॉक्टर की सलाह से ही इसका सेवन करें। उपरोक्त वर्णित बातें डाक्टरी सलाह नहीं है। यह शिक्षा के लिए लिखा गया है। 

आपके मित्र की तबीयत ठीक नहीं है। तबीयत का हाल-चाल और समाचार की जानकारी प्राप्त करने के लिए मित्र के पास हिंदी में पत्र लिखें।

 आपके मित्र की तबीयत ठीक नहीं है। तबीयत का हाल-चाल और समाचार की जानकारी प्राप्त करने के लिए मित्र के पास हिंदी में पत्र लिखें। धनबाद, दिनांक - 6/1/2024 प्रिय मित्र राकेश, सस्नेह नमस्कार ! मित्र ! तुम कैसे हो ? मुझे कल ही मुकेश ने बताया कि तुम्हारी तबीयत कुछ ठीक नहीं चल रही है और तुम यूं ही थोड़ी-थोड़ी -  दवा खाकर बीमारी और बढ़ा रहे हो। देखो भाई ! आजकल बुखार को हल्के में लेने का समय नहीं है। इसलिए आज ही कोई जाने माने फिजिशियन से जाकर दिखा लो। और जैसा कहें वैसा करो। इधर उधर का खाना मत खाना। मच्छर से भी बचना जरूरी है। साफ सफाई का पूरा ध्यान रखना। पत्र में अपना पूरा हाल चाल बताना। ज्यादा दिक्कत लगे तो मुझे लिखना, मैं शीघ्र ही तुम्हारे पास आ जाऊंगा।  तुम्हारा शुभेच्छु विनय रंजन पाल राजगंज, धनबाद, झारखंड, भारत  Please comment on comment Box

आकांक्षा कभी संपूर्ण नहीं होती, फकीर की फूटी बाल्टी, कहानी

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फकीर की फूटी बाल्टी , कहानी   एक आदमी सूफी फकीर के पास आया और उसने कहा मेरी तृष्णा की पूर्ति कैसे होगी फकीर ने उससे कहा मेरे साथ आओ मैं कुएं पर पानी भरने जा रहा हूं , तुम्हारे सवाल का जवाब वही मिल जाएगा कहने की शायद जरूरत नहीं पड़ेगी तुम देखकर ही समझ लोगे। जिज्ञासु थोड़ा चकित हुआ कि यह कैसा उपदेश है जो  की कुएं पर दिया जाएगा । फकीर होश में है कि नहीं ? फकीर था भी ठक्कर बड़ा मस्त,  उसकी आंखें ऐसी थी जैसे उसने अभी-अभी शराब पी हो । चलता था ऐसे जैसे कोई मदमस्त शराबी चलता हो । जिज्ञासु डरने लगा , कुएं का मामला था । उसके मन में आशंकाएं उठने लगी । कही यह धक्का ना दे दे या खुद ही कूद जाए और हम फंस जाए । फिर भी उत्सुकता थी कि देखे वह क्या उत्तर देते हैं। कुएं पर पहुंच फकीर की हरकतें देखकर वह व्यक्ति हैरान रह गया। उसे लगा , यह तो बिल्कुल पागल है। दरअसल फकीर ने जो बाल्टी कुएं में डाली उसकी पेंदी ही नहीं थी। बाल्टी को डूबने में देरी ही ना लगी, क्योंकि पेंदी थी ही नहीं। फिर जब उसे ऊपर खींचा जाए तो हाथ कुछ ना आए। बाल्टी ऊपर आए तो खाली। फकीर फिर से उसे कुएं में डालते । दो-तीन बार उस आदमी ने देखा, फिर