दुर्गा पूजा २०२१ (Durga Puja 2021 )

दुर्गा पूजा


 दुर्गा पूजा भारत का प्रमुख त्योहार है। संपूर्ण भारत में इसे दशहरा पर्व भी कहा जाता है। यह त्योहार शारदीय नवरात्र के नाम से भी जाना जाता है। वास्तव में यह त्योहार पाप पर पुण्य की जीत का त्योहार है। दुर्गा पूजा नौ दिनों तक चलती है। नवमी को माता दुर्गा ने दानव महिषासुर का वध किया था। वह बड़ा मायावी था। उसके आतंक से भयभीत होकर देवताओं ने मां भगवती की आराधना की। तब मां ने देवी दुर्गा का अवतार लेकर महिषासुर के आतंक से संसार की रक्षा की थी। दुर्गा-- दु: केन गम्यते प्राप्यते वा। मां दुर्जय और दुर्गायतीनाशिनी है। मासिन  मास के शुक्ल पक्ष के पहले दिन से ही दुर्गा पूजा प्रारंभ हो जाती है। जगह- जगह भव्य पंडालों में कलश स्थापना हो जाता है। इस दिन से ही भक्तजन बड़े ही सात्विक तरीकों से मां की पूजा में तल्लीन हो जाते हैं। पंडालों में सिंह वाहिनी महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाती है। दसों हाथों में त्रिशूल, चक्र, शक्ति, गदा, धनुष, पाश, अंकुश और अस्त्र-शस्त्र हैं। उनके आसपास ही लक्ष्मी, सरस्वती, गणेश, कार्तिके की मूर्तियां स्थापित की जाती हैं। सप्तमी से दसवीं तक लोगों की भीड़ पराकाष्ठा पर होती है। इस दिन नर- नारी बाल-वृद्ध, सभी नए-नए वस्त्रों को  भी  सुसज्जित करके माँ दुर्गा के दर्शन करने जाते हैं।   

दुर्गा पूजा

                                                          दसमीं तिथि को दशरथ नंदन श्री राम ने महा पापी दशानन रावण पर विजय प्राप्त की थी। इसके पूर्व श्री राम ने 9 दिनों तक शक्ति की जितैत्री माँ भगवती देवी दुर्गा की पूजा अर्चना बड़े मृत्युयोग से की थी। इसके पश्चात ही उन्हें यह विजयश्री प्राप्त हुई थी। इसी खुशी में भारतवासी दशहरा का त्यौहार धूमधाम से मनाते हैं। "हरते दश पापिन तस्माद दशहरा स्मृता।" अर्थात दस पापों जैसे- अनवधानता, असमर्थता, आत्मवचन, अत्मनता, दीनता, भीरूता, परमात्माक्षिता, शिवलिलता, व्यक्तित्व और स्वार्थपरता का नाश ही दशहरा है। दसों महा विधाओं और दसों इन्द्रियों पर विजय ही विजयादशमी है।

शारदीय नवरात्र की तिथियां

07 अक्टूबर 2021: नवरात्रि का पहला दिन, प्रतिपदा, कलश स्थापना, चंद्र दर्शन और शैलपुत्री पूजन.
08.अक्ट, 2021 नवरात्रि का दूसरा दिन, द्वितीया , ब्रह्मचारिणी पूजन
9.अक्टूबर 2021 नवरात्रि का तीसरा दिन, तृतीया, चंद्रघंटा पूजन।
10.अक्टूबर, 2021 नवरात्रि का चौथा दिन, चतुर्थी, कुष्मांडा पूजन।
10अक्टूबर 2021. नवरात्रि का पांचवा दिन, पंचमी, स्कंदमाता पूजन।
11. अक्टूबर 2021. नवरात्रि का छठा दिवस, षष्ठी, सरस्वती पूजन।
12. अक्टूबर 2021 तक नवरात्रि का सातवां दिन, सप्तमी, कात्यायनी पूजन।
13 अक्टूबर 2021 नवरात्रि का आठवां दिन, अष्टमी, कालरात्रि पूजन कन्या पूजन।
14.अक्टूबर 2021 नवरात्रि का नौवां दिन, नवमी, महा गौरी पूजन, कन्या पूजन, नवमी हवन, नवरात्रि पूजन।
15. अक्टूबर 2021. विजयादशमी या दशहरा।

नवरात्रि व्रत के नियम

नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना कर 9 दिन तक व्रत रखने का संकल्प लें।
पूरी श्रद्धा भक्ति से माँ की पूजा करें।
दिन के समय फल और दूध ले सकते हैं।
शाम के समय माँ की आरती उतारे।
सभी में प्रसाद बांटे और फिर खुद भी ग्रहण करें।
फिर भोजन ग्रहण करें।
अष्टमी या नवमी के दिन नौ कन्याओं को भोजन कराना उन्हें उपहार और दक्षिणा भी दें।
अगर संभव हो तो हवन के साथ नवमी के दिन व्रत का पारण करें।

कलश स्थापना के लिए आवश्यक है

जौ बोने के लिए मिट्टी का पात्र।
साफ मिट्टी।
मिट्टी का एक छोटा घड़ा।
कलश को ढकने के लिए मिट्टी का एक टुकड़ा।
गंगाजल, सुपारी
कुछ कनेक्टिविटी और आम की पत्तियां, अक्षत के लिए कच्चे चावल।
मौली, रक्षा सूत्र, जौ, फूल और माला, नारियल।
लाल कपड़ा लाल चुन्नी दूब घास।
दुर्गा पूजा

कलश स्थापना की तिथि और शुभ मुहूर्त

कलश स्थापना की तिथि-- 07 अक्टूबर 2021

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