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Sumit Antil biography, medal, सुमीत अंतिल जीवनी, पदक

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सुमीत अंतिल की जीवनी, A biography of Sumit Antil पैरालंपिक में सुमीत अंतिल ने गोल्ड मेडल जीतकर यह साबित कर दिया है कि " कौन कहता है कि आकाश में छेद  नहीं होता, बस तबीयत से पत्थर उछालने की आवश्यकता है। लगन, जूनून और सही प्रयास हो तो मंंजिल दूर नहीं रहती। सुमीत का थ्रो विश्व रिकॉर्ड बना।  आइए, इस लेख में स्वर्ण पदक विजेता सुुुमीत अंतिल के जीवन पर प्रकाश डालते हैं। सुमीत अंतिल का जन्म 06 जुलाई ,1998 को भारत के हरियाणा राज्य के सोनीपत जिले, गांव खेवड़ा में हुआ । इनके पिताजी राजकुमार भारतीय वायुसेना में थे ‌। जब सुमीत अंतिल बच्चे थे तभी पिता का साया इनके सिर से उठ गया । सुमीत अंतिल की मां निर्मला ने इनका पालन-पोषण किया। सुमीत अंतिल की प्रारम्भिक शिक्षा सोनीपत में हुई। स्नातक (B.com) इन्होंने दिल्ली से किया। कुछ दिनों तक इन्होंने अपने गांव में पहलवानी भी किया। 23 वर्षीय सुमीत का का संबंध किसान परिवार से रहा है। सुमीत 2015 में एक मोटर साइकिल दुर्घटना के शिकार हो गए जिससे इनका बाया पैर ख़राब हो गया। फिर भी सुमीत अंतिल ने हिम्मत नहीं हारी। 2017 में नितिन जायसवाल की देखरेख में प्रशिक्षण प्र

Teachers day 2021,

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     निबंध, भाषण, ध्येय वाक्य, श्लोक ************************************************* किसी भी देश का भविष्य उस देश के छात्र - छात्राओं पर निर्भर करता है और छात्र -  छात्राओं का भविष्य उस देश के सुयोग्य शिक्षकों पर निर्भर करता है। इसलिए हमारे देश में गुरु का स्थान भगवान से भी ऊंचा माना गया है। गुरु वह है जो अपने छात्रों को अज्ञानता के अंधकार से ज्ञान के प्रकाश में ले जाए। माता - पिता तो बच्चे को जन्म देते हैं परन्तु एक शिक्षक ही अपने कठिन तप से अर्जित ज्ञान के द्वारा बच्चों को सुयोग्य नागरिक बनने में सहायता करते है। इसलिए दुनिया के लगभग सभी देशों में शिक्षकों के सम्मान में  शिक्षक दिवस मनाने की परंपरा है। भारत में प्रति वर्ष 05 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। आइए, इस लेख में शिक्षक दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण बातों की जानकारी प्राप्त करें। विभिन्न देशों में शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है ?  1.भारत - --------        05 सितंबर 2. बांग्लादेश -------        05 अक्टूबर 3. चीन ----------         10 सितंबर 4. जर्मनी ---------      05 अक्टूबर 5. ग्रीस -     --------     30 जनवरी 6. मलेशिया -

Sursa ki kahani, सुरसा की कहानी

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        सुरसा की कहानी, Sursa ki kahani सुरसा नाम अहिन्ह कै माता Ramcharitmanas me Sursa,राम चरित मानस में सुरसा प्रसंग, सुरसा कौन थी ? Sursa Kaun thi ? हनुमान जी की सुरसा से भेंट, Hanuman Sursa meeting,  हनुमान जी की सुरसा द्वारा परीक्षा, नागों की माता सुरसा, Sursa, mother of nag, सुन्दर कांड में सुरसा प्रसंग, देवताओं ने हनुमानजी की परीक्षा के लिए सुरसा को भेजा। Sursa Kaun thi, सुरसा की कहानी रामचरितमानस में सुन्दर कांड की कथा को अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है, क्योंकि राम कथा के इसी सोपान में   पवनपुत्र हनुमान जी  सीता माता की खोज में रावण की स्वर्ण नगरी लंका जा रहे हैं। लंका में बड़े - बड़े महाभट बलशाली राक्षसों का निवास था। वे राक्षस बड़े मायावी भी थे। नर - बानर तो उनके सामने तिनकों की तरह थे। इसलिए जब हनुमानजी अकेले ही लंका की ओर चले तो देवताओं को बड़ी चिंता हुई। उन्होंने नागों की माता सुरसा को हनुमान जी की बल - बुद्धि की परीक्षा लेने के लिए भेज दिया। पूरी कथा इस प्रकार है -- हनुमान जी रीझ राज जामवंत जी की प्रेरणा से आकाश मार्ग से लंका की ओर उड़ चले। जैसे ही कुछ दूर गये कि नाग

पर्यावरण, प्रदूषण और हमारा स्वास्थ्य (Pryawaran, pradushan and our health

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 Polution, polution and our health पर्यावरण , प्रदूषण और हमारा स्वास्थ्य कक्षा आठवीं, पर्यावरण और प्रदूषण पाठ का प्रश्न उत्तर, pryawaran pradushan summary, questions answers class 8th मनुष्य के अनावश्यक हस्तक्षेप से ही प्रकृति में गंदगी और प्रदूषण फैलता है। आज़ विश्व भर में जिस तरह औद्योगिकीकरण के कारण प्रदूषण बढ़ रहा है वह निश्चित रूप से पृथ्वी के विनाश का कारण बन सकता है। पर्यावरण का प्रदूषण हमारे स्वास्थ्य को भी बहुत आघात पहुंचा रहा है। मोटर वाहन, कल - कारखाने और विभिन्न प्रकार के संयंत्र पर्यावरण प्रदूषण के सबसे बड़े कारक हैं। आइए, इस लेख में प्रदूषण के कारण, उसका हमारे स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव और प्रदूषण से बचने के उपायों पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें। प्रदूषण के कारण औद्योगिकीकरण के कारण प्रदूषण तीव्र गति से बढ़ता जा रहा है। अत्यधिक ऊर्जा और उष्णता उत्पन्न करने वाले संयंत्र, मोटर वाहन, कल - कारखानों से निकलने वाले धुंए से हमारा वातावरण प्रदूषित, विषैला और गंदा होता जा रहा है। यह हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत घातक है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर यही स्थिति रही तो आने वाले ती

Yah danturit muskaan यह दंतुरित मुस्कान

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  यह दंतुरित मुस्कान , कवि नागार्जुन, yah         danturit muskaan, poet                              Nagarjuna यह दंतुरित मुस्कान कविता, यह दंतुरित मुस्कान कविता का भावार्थ,यह दंतुरित मुस्कान कविता का प्रश्न उत्तर, कवि नागार्जुन का जीवन परिचय, yah danturit muskaan poem, poet Nagarjuna, Baba Nagarjuna, summary of yah danturit muskaan, solutions NCERT, questions answers of poem yeh danturit muskaan MCQ type questions answers, वस्तुनिष्ठ प्रश्न उत्तर कवि नागार्जुन अपने छोटे बच्चे की मुस्कान देखकर अत्यंत प्रसन्न है। बच्चे के मुंह में छोटे-छोटे दांत हैं। उस मुस्कान को देखकर पत्थर दिल भी पिघल जाता है। बच्चा उसे पहचानता नहीं है। मां माध्यम बनती है। यह कविता वात्सल्य रस का अनूठा उदाहरण है।           यह दंतुरित मुस्कान कविता तुम्हारी यह दंतुरित मुस्कान मृतक में भी डाल देगी जान धूलि - धूसर तुम्हारे ये गात--- छोड़कर तालाब मेरी झोपडी में खिल रहे जलजात  परस पाकर तुम्हारा ही प्राण, पिघलकर जल बन गया होगा कठिन पाषाण छू गया तुमसे कि झरने लग पड़े शेफालिका के फूल बांस था कि बबूल ? भावार्थ  कवि अपने पुत्

Uttrakhand Chief minister Mahalakshmi Yojna

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 उत्तराखंड मुख्य मंत्री महालक्ष्मी योजना , Uttrakhand Chief minister                    Mahalakshmi Yojna उत्तराखंड का नाम भारत के ऐसे राज्यों में लिया जाता है जो लगातार विकास के पथ पर अग्रसर है। प्रदेश के विकास में वहां के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व का भी बहुत बड़ा हाथ है। केन्द्र सरकार ने उत्तराखंड में  एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं की स्वीकृति प्रदान कर प्रदेश के विकास के मार्ग को प्रशस्त किया है। मुख्यमंत्री  महालक्ष्मी योजना मां और बच्चे दोनों के लिए बेहतर स्वास्थ्य और पोषण के अवसर पैदा करने की दिशा में एक सार्थक पहल है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना शुरू की है जिसके तहत पहली दो कन्याएं अथवा जुड़वां कन्याओं के जन्म पर मां और नवजात कन्या को ' मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट ' प्रदान की जा रही है। इस योजना का लक्ष्य मां और बच्चे का पालन-पोषण कर स्वस्थ्य राज्य का निर्माण करना है। यह सच है कि किसी भी राष्ट्र के नवनिर्माण में वहां के नवजात शिशु और मां का विशेष योगदान होता है। स्वस्थ बच्चे ह

Arunita Kanjilal biography in hindi

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 Arunita Kanjilal biography in Hindi अरुणिता कांजीलाल की जीवनी          और उपलब्धियां  अरुणिता कांजीलाल का रूप सौन्दर्य जितना आकर्षक है , उनकी आवाज भी उतनी ही मधुर और मनमोहक है। इसलिए संगीत प्रेमियों के बीच वह अपनी गीत - संगीत के कारण काफी लोकप्रिय हो गई है । भारतीय संगीत कला के क्षेत्र में उन्होंने अपना एक विशिष्ट स्थान बनाया है। मशहूर टी. वी. शो इंडियन आइडल 2020 के द्वारा उन्होंने संगीत की दुनिया में अपना जो जलवा बिखेरा है , उसे वर्षों तक याद किया जाएगा। आइए, हम इस लेख के द्वारा 18 वर्षीय अरुणिता कांजीलाल के जीवन और उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हैं। अरुणिता कांजीलाल का जन्म कोलकाता के बनगांव नामक स्थान में 2003 ई में हुआ था। इनके पिता अवनी भूषण कांजीलाल एक कालेज में प्राचार्य हैं तथा इनकी मां सर्बानी कांजिलाल एक कुशल गृहिणी हैं। मां को संगीत से गहरी रुचि है इसलिए संगीत अरुणिता के रग रग में बसा हुआ है। संगीत की प्रारंभिक शिक्षा उसे अपनी मां सर्बानी कांजिलाल से घर पर ही मिली है। बाद में अरुणिता के मामा ने उसे संगीत की शिक्षा दी। अरुणिता कांजीलाल आठ वर्ष की जब थी तभी से गीत गाना प्रारंभ क

Pathik poem,पथिक कविता, कवि राम नरेश त्रिपाठी

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 पथिक कविता, Pathik poem कवि - राम नरेश त्रिपाठी पथिक कविता का भावार्थ, पथिक कविता की व्याख्या, पथिक कविता का सार, कवि राम नरेश त्रिपाठी का जीवन परिचय । 11वीं हिन्दी। प्रतिक्षण नूतन वेश बनाकर रंग - विरंग निराला। रवि के सम्मुख थिरक रही है नभ में वारिद माला।  नीचे नील समुद्र मनोहर ऊपर नीलगगन है।  घन पर बैठ बीच में बिचरू यही चाहता मन है।। व्याख्या   पथिक सागर के किनारे खड़ा है। सामने सूर्योदय हो रहा है। सूर्योदय की शोभा निराली है। इस शोभा को देखकर उसके मन में भाव आता है --   पथिक के सामने सूर्य और बादलों का समूह है। ऐसा लगता है जैसे बादलों का समूह नये नये रूप बनाकर सूर्य के सामने नाच रहे हों। नीचे नील समुद्र है और ऊपर नीला आकाश। पथिक का मन करता है कि बादलों के बीच बैठकर आनंद विहार करूं। यहां प्रकृति के अनुपम सौंदर्य का वर्णन किया गया है। सूर्य के सामने नित्य नये नये बदलते रूप में किसी सुन्दर स्त्री की कल्पना की गई है। रत्नाकर गर्जन करता है, मलयानिल बहता है। हरदम यह हौसला हृदय में प्रिय ! भरा रहता है। इस विशाल विस्तृत , महिमामय रत्नाकर के घर के -- कोने - कोने में लहरों पर बैठ फिरूं जी भर क

Ravi Kumar Dahiya, रवि कुमार दाहिया , जीवनी, मेडल, उपलब्धियां

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 रवि कुमार दाहिया : जीवनी, उपलब्धियां,मेडल , Ravi Kumar Dahiya biography, medals दोस्तों ! आज भारतीय पहलवान रवि कुमार दाहिया का नाम प्रत्येक भारतीय के लिए शान और गर्व का विषय है क्योंकि 26 वर्षीय यह पहलवान ने अपनी खेल भावना और शालीनता का परिचय देते हुए टोक्यो ओलंपिक 2020 में रजत पदक प्राप्त किया है। मैच के सेमीफाइनल में विरोधी पहलवान ने इनके बाजू पर अपने दांत गड़ाकर घिनौनी हरकत की , फिर भी रवि कुमार दाहिया ने अपनी पकड़ ढीली नहीं की और सेमीफाइनल मैच जीत लिया।  फाइनल मैच में रसिया के खिलाड़ी को कड़ी टक्कर देने के बावजूद हारकर इन्हें रजत मेडल से ही संतोष करना पड़ा। इनकी ट्रेनिंग दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में कोच सतपाल सिंह और वीरेंद्र कुमार के मार्गदर्शन में हुई। वहीं वे सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त जैसे महान खिलाड़ियों को खेलते देखा था। तो आइए आज हम रवि कुमार दाहिया के जीवन और उपलब्धियों तथा पारिवारिक स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त करें। सुमीत अंतिल की जीवनी भारतीय पहलवान रवि कुमार दाहिया 57 किलोग्राम फ्रीस्टाइल में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ी हैं। इनका जन्म भारत के हरिया

Chandra gahna se lauti ber, poem, चन्द्र गहना से लौटती बेर, केदारनाथ अग्रवाल

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  चन्द्र गहना से लौटती बेर,  कविता , कवि केदारनाथ अग्रवाल Chandra gahna se lauti ber poem, poet kedar nath Agarwal  "चंद्र गहना से लौटती बेर "  सुप्रसिद्ध कवि केदारनाथ अग्रवाल की छायावादी कविता है। यहां कवि ने प्रकृति का मानवीकरण करते हुए  सुन्दर चित्र प्रस्तुत किया है‌। कवि चन्द्र गहना नामक स्थान से लौटती बेर एक खेत के मेड़ पर बैठ कर प्राकृतिक दृश्य देखते हुए कविता लिख रहा है। यहां मैंने कवि केदारनाथ अग्रवाल का जीवन परिचय, कविता और चन्द्र गहना से लौटती बेर की व्याख्या , भावार्थ, शब्दार्थ और प्रश्न उत्तर प्रस्तुत किया हूं  जिससे पाठकों को लाभ मिलेगा ।  Table of contents 1. चन्द्र गहना से लौटती बेर कविता, Chandra gahna se lauti ber poem 2. चन्द्र गहना से लौटती बेर के कवि केदारनाथ अग्रवाल का जीवन परिचय, काव्य गत विशेषता एवं भाषा शैली  biography of poet Kedarnath Agarwal 3. चन्द्र गहना से लौटती बेर कविता का भाव एवं काव्य सौंदर्य शिल्प सौंदर्य, अलंकार, भाषा शैली 4. चन्द्र गहना से लौटती बेर कविता का प्रश्न उत्तर, questions answers NCERT solutions देखआया चन्द्र गहना। देखता हूं दृश्