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अनंत पूजा,Anant Puja, पूजन विधि, महत्त्व।

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अनंत पूजा 19 सितंबर 2021 रविवार को है।  श्री अनंत पूजा भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्दशी (चौदहवीं) को संपूर्ण विधि विधान से मनाया जाता है। इस व्रत के करने वाले भगवान विष्णु की पूजा पूरी भक्त्ति भावना से करते हैं तथा मनोवांछित फल प्राप्त कर अपना जीवन सफल बनाते हैं। भगवान विष्णु इस जगत के पालनहार है।       द्वापर युग (महाभारत काल) में पाडंव अपना सारा वैभव और सुख-शांति जुए में हार कर निश्तेज हो गये और जब उन्हें कुछ भी मार्ग दिखाई नहीं देता था।तब श्री कृष्ण ने उन्हें पूरे विधि-विधान से भगवान अनन्त का व्रत और पूजन करने की सलाह दी थी।पाडंव अनंत भगवान का पूजन कर फिर से अपना खोया साम्राज्य और वैभव प्राप्त करने में सफल हो गए थे। तभी से यह व्रत करने की परंपरा भारत सहित दुनिया के अन्य हिस्सों में चलने लगी।( गणेश जी की पूजा भी पढ़ें) पूजन विधि एवं सामग्री---- केला, गुड़,हल्दी, कच्चे धागे,दूध, दही,घी,मधु,फल,गाय का गोबर,अथवा चावल,आटा, अनंत बंधन धागा।         व्रत करने वाले उपवास रखते हैं। केला के पते पर श्रीविष्णु का आसन बनते हैं। पंडित पुरोहित को बुलाकर अनंत भगवान का पूजन करते हुए कथा सुनते हैं।सूती धागे

विज्ञान से लाभ- हानि/विज्ञान के चमत्कारvigyan ke Labh Hani

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Vigyan Ke Chamtkar, विज्ञान के चमत्कार, विज्ञान के लाभ और हानि, vigyan ke Labh aur hani, science, merits and demerits १.विज्ञान का अर्थ २.विज्ञान के साधन ३.आज का युग विज्ञान का युग ४। विज्ञान के कुछ नुकसान ५.उपसंहार Vigyan ka arth, vigyan ke sadhan, aaj ka yug vigyan ka yug , vigyan ke nuksan, conclusion विज्ञान का अर्थ विशिष्ट ज्ञान है। मनुष्य आदि काल से ज्ञात प्रवृत्ति का रहा है। वह अपने जीवन को सरल और सुगम बनाने के लिए हमेशा प्रयत्नशील रही है। इसी खोज की प्रवृत्ति ने विज्ञान को जन्म दिया है।     आज का युग विज्ञान का युग है। विज्ञान ने हमें कई साधन प्रदान किए हैं। सुबह जगने से लेकर रात में सोने तक हम ना जाने कितने वैज्ञानिक साधनों का उपयोग अपने दैनिक जीवन में करते हैं। इसीलिए आज के युग को विज्ञान का युग कहा जाता है।             विज्ञान के साधनों में यातायात के साधन सबसे महत्वपूर्ण हैं। इसने हमें यातायात के कई साधन प्रदान किए। साइकिल, मोटरसाइकिल कारे, बस, रेल, वायुयान,  जैसे अनगिनत साधन विज्ञान के चमत्कार हैं। (रक्षा बंधन, वर्षा ऋतु, मित्रता पर निबंध भी यही देखें)     यातायात के ये सा

घर की याद,(Ghar ki yaad)Bhawani Prasad Mishra.परिचय 11th hindi,

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घर की याद कविता  Ghar ki yaad Poet - Bhawani Prasad Mishra 11th Hindi, vitan, NCERT solutions, summary Ghar ki yaad, व्याख्या, घर की याद घर की याद कविता का भावार्थ, कवि भवानी प्रसाद मिश्र का जीवन परिचय और प्रश्नोत्तर। आज पानी गिर रहा है , कविता का मूल भाव ******** घर की याद कविता सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और कवि भवानी प्रसाद मिश्र की रचित प्रसिद्ध कविता है जिसे कवि ने स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान जेल में रहकर लिखा था। यह कविता ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ाई जाती है। यहां घर की याद कविता , भावार्थ और प्रश्नोत्तरी सरल भाषा में दिया गया है जिसमें विद्यार्थियों को समझने में आसानी हो। --------------------------------- ---------- कवि परिचय (भवानी प्रसाद मिश्र): भवानी प्रसाद मिश्र का जन्म सन् 1913 और मृत्यु सन् 1985 में हुआ था। मध्य प्रदेश का होशंगाबाद जिला साहित्य कार जननी जिला है। वहीं टिगरिया गांव में इनका जन्म हुआ था। प्रमुख रचनाएँ ----- सतपुड़ा के जंगल, सन्नाटा, गीत फरोश, चकित हैं दुःख, बुनी हुई रस्सी, खुशबू के शिलालेख, अनाम आप आते हो, इदं न मम् आदि। सम्मान ------ साहित्य अकादमी, मध्य प्रदे

Shree Ganesh chaturthi.श्री गणेश पूजा , गणेश पूजन का महत्व, विधि।

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गौरी सुत श्री गणेश की पूजा आराधना भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को खूब धूमधाम से भारत सहित दुनिया के अन्य हिस्सों में मनाया जाता है।श्री गणेश जी को गजानन गणपति एकदंत गौरी सूत विनायक आदि कई नामों से भक्तजन पुकारते हैं। विधि विधान से पूजा कर भगवान गणेश से बल बुद्धि धन्य धान्य, संतान, सुख समृद्धि की प्राप्ति सहजता से की जाती है।(www.bimalhindi.in) गजाननं भूतगणादिसेवितं  कपित्थजम्बू फलचारूभक्षणम् ।उमासुतं शोकविनशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपंकजम्।। अर्थात गजानन भूत गणों से सेवित, कपित्थ,जम्बू जिसका प्रिय भोजन है पार्वती पुत्र शोक विनाशक गणेश जी को मेरा नमन। वक्रतुंड महाकाय सुर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नकुरू में देव सर्वकार्येषु सर्वदा।। अर्थात घुमावदार सूंड वाले जिनका विशाल शरीर है, और जो कड़ोरो सूर्यो के प्रकाश के समान दिखते हैं,वे गणेश जी मेरे सभी कार्य पूर्ण करें।                                         श्रीगणेश जन्म- कथा                                ******"""""****** एक बार भगवान शिव कैलाश धाम से कहीं बाहर गए थे। माता पार्वती अकेली थी।वे स्नान करने जा रही थी, तभी उनके मन म

एकादश(11th) Hindi, मियां नसीरुद्दीन,Miyan Nasiruddin, लेखिका-कृष्णा सोबती www.bimalhindi.in(Krishna Sobati)

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Miya nasiruddin,nanbai,11th hindi, NCERT solutions, Krishna Sobti मियां नसीरुद्दीन, 11वीं हिन्दी, सारांश, प्रश्न उत्तर, नानबाई।  लेखिका -कृष्ण सोबती कृष्णा सोबती आधुनिक हिंदी साहित्य की सुप्रसिद्ध गद्य लेखिका हैं । इस कक्षा 11 का पाठ "मियाँ नसीरुद्दीन" उनकी प्रसिद्ध पुस्तक "हम हसमत" नामक संग्रह से लिया गया है। यहाँ हमने लेखिका के जीवन के कुछ पहलुओं को दर्शाते हुए पाठ के मुख्य अंश को प्रस्तुत किया है और महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर भी छात्रों की सुविधा को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है। मियां नसीरुद्दीन पाठ की लेखिका कृष्णा सोबती का जन्म सन् 1925 में गुजरात के पश्चिमी पंजाब (अब पाकिस्तान में) हुआ था। उन्होंने हिंदी साहित्य को कई बेहतरीन उपन्यास, कहानी संग्रह, शब्द चित्र और संस्मरण प्रदान की है। उनकी प्रमुख रचनाओं में जीवननामा, दिलो दानिश, ऐ लड़की, समय सरगम, डार से बिछड़ी, मित्रो मरजानी, बादलो के घेरे, सूरजमुखी अंधेरे के, हम हसमत, शब्दों के आलोक में आदि प्रमुख हैं। हिंदी साहित्य की उत्कृष्ट सेवा के लिए उन्हें साहित्य अकादमी सम्मान, हिंदी साहित्य का शलाका सम्मान

तीज (हरतालिका, बूढ़ी तीज ),पूजन विधि, पूजा का महत्त्व

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Teez, hartalika तीज तीज का त्योहार कौन मनाते हैं। तीज व्रत उपवास कौन करतीं हैं। तीज 2021 में कब है। तीज पूजन सामग्री, तीज पूजा की विधि, तीज में किस भगवान की पूजा होती है। तीज में सुहाग सिंघोडा का महत्व।   तीज सुहागिन स्त्रियों का प्रमुख त्योहार है, जिसका उन्हें वर्ष भर इंतजार रहता है।शाम की गोधूली बेला में पूरी श्रद्धा और भक्ति से अपने मायके से आई वस्त्रादि, सुहाग की चीजें और आभूषण धारण कर स्त्रियां भगवान आशुतोष शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना कर लम्बे सुहाग की वरदान मांगती हैं। इसे हरतालिका और बूढ़ी तीज भी कहा जाता है।          09  सितंबर 2021 को तीज का त्योहार है                                               -------#----------#--------------#---------------#-------------       सुहागिन स्त्रियों का प्रमुख त्यौहार तीज, जिसका उन्हें पुूरा साल इंतजार रहता है, वह है हिंदी महीने के  भाद्रपद शुक्ल पक्ष तिथि तृतीय को ।यह  पर्व स्त्रियां पूरी निष्ठा और भक्ति के साथ करती है। बाााााा्****************************************************************************** हरतालिका का तात्पर्य है हरण अल

Immunity power ( रोग निरोधक क्षमता) प्रकार, रोग निरोधक क्षमता बढ़ाने के बेहतरीन उपाय।

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  Immunity power, रोग प्रतिरोधक क्षमता स्वास्थ्य ही धन है और स्वस्थ्य शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है। शरीर नीरोग रहे इसके लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता का होना बहुत जरूरी है। समुचित खान पान, नियमित व्यायाम और स्वच्छ वातावरण से मनुष्य में रोग प्रतिरोधक क्षमता ( immunity power ) का विकास होता है। Table of contents १. रोग निरोधक क्षमता (immunity): definitions (सामान्य परिचय)।                                                        २. Kinds of immunity (प्रकार)                            क. Natural immunity (प्राकृतिक रोग निरोधक क्षमता)                                                                          ख. Acquired immunity (उपार्जित रोग क्षमता          ग. Artificial immunity (कृत्रिम रोग निरोधक क्षमता)                                                                           ३. रोग निरोधक क्षमता बढ़ाने के कुछ सुगम उपाय      १. रोग निरोधक क्षमता(immunity)-----   विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचने के लिए शरीर में रोग प्रतिरोधक पदार्थ (antibodies) उत्पन्न होने से शरीर कुछ  खास- खास रोग

स्वतंत्रता दिवस (Independence day) 2022

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स्वतंत्रता दिवस पर निबंध, भाषण, independence day 76 वां स्वतंत्रता दिवस ( अमृत महोत्सव ) Table of contents 1. प्रस्तावना 1.2. प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1.3. प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के अमर सेनानी बाबू वीर कुंवर सिंह, महारानी लक्ष्मीबाई 1.4 स्वतंत्रता आंदोलन के अन्य महान सेनानी  महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, आदि 1.5 स्वतंत्र भारत की चुनौतियां नहीं चाहते हम धन दौलत,                                        नहीं चाहते हम अधिकार।                                          बस स्वतंत्र रहने दो हमको।                                      और स्वतंत्र कहे संसार।।                                                                                                                    15अगस्त 1947 भारतीय इतिहास का वह स्वर्णिम दिन है जब जब हमारा देश विदेशी दासता के जालिम पंजो से आजाद हुआ था। स्वतंत्रता  दिवस कई कारणों से महत्वपूर्ण, प्रेरणादायक और महान पर्व है। स्वतंत्रता का मूल्य धन दौलत नहीं बल्कि  प्राणों की आहुति देकर चुकाना  पड़ता है। कई - कई पीढ़ियों  तक लोगों को  जुल्म की चक्की में पीसना पड़ता