सुभाष चंद्र बोस, आजाद हिंद फौज

 सुभाषचन्द्र बोस का जीवन परिचय a biography of Netaji Subhash Chandra Bose in hindi





वीर प्रसूता जननी मां भारती के महान सपूत नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का जन्म उड़ीसा के कटक नामक शहर में 23 जनवरी 1887 को हुआ था। इनके पिताजी श्री राजबहादुर जानकीनाथ बोस नगर के गणमान्य वकील तथा कटक नगर निगम और जिला बोर्ड के प्रधान थे।

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सुभाषचन्द्र बोस की शिक्षा

 चंद्र बोस की प्रारंभिक शिक्षा कटक में हुई थी। उन्होंने 1913 ई में मैट्रीक की परीक्षा उत्तीर्ण की। वे बचपन से ही पढ़ने में बड़े मेघावी थे।  मैट्रिक की परीक्षा के बाद उच्च शिक्षा के लिए वे कोलकाता के सुप्रसिद्ध  प्रेसिडेंसी कॉलेज में आ गये। 1919 ई में वे भारतीय सिविल सेवा परीक्षा देने लंदन गए। अपने कठोर परिश्रम और मेघाविता का परिचय देते हुए उन्होंने आई सी एस की परीक्षा उत्तीर्ण की। उनकी चतुराई और मेघाविता के बहुत किस्से मशहूर है।  कहते हैं, साक्षात्कार के समय एक अंग्रेज अफसर ने उन्हें एक अंगूठी दिखाते हुए कहा -- ' क्या सुभाषचन्द्र बोस इस अंगूठी से होकर निकल सकता है।‘ उनका उत्तर था – हां। सुभाष चंद्र बोस ने झट से एक कागज पर सुभाषचन्द्र बोस लिखा और उसे लपेट कर उस अंगूठी से पार करा दिया । उनकी इस चतुराई से अंग्रेज अफसर दंग रह गए।

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उस समय कांग्रेस में गर्म और नर्म दो दल थे। दोनों का लक्ष्य भारत माता को परतंत्रता की बेड़ियों से आजाद करवाना था। सुभाष चंद्र बोस भारतीय नेताओं के औपनिवेशिक स्वराज्य की मांग से असहमत थे। सन् 1938 और 1939 में उन्हें कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया।।बाद में उन्होंने कांग्रेस से त्यागपत्र देकर फारवर्ड ब्लॉक की स्थापना की। 

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आजाद हिंद फौज

 नेताजी  सुभाष चन्द्र बोस ने “आजाद हिंद फौज” की स्थापना की। विश्व के 19 राष्ट्रों से आजाद हिंद फौज को स्वीकृति मिल चुकी थी। ‘ जय हिन्द' और ' दिल्ली चलो ' का नारा उन्होंने ही दिया था। उन्होंने अपने सैनिकों का “ तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा” का नारा देकर मनोबल बढ़ाया।  सुभाष चंद्र बोस की इस ललकार से आजाद हिंद फौज और और देश के जवानों का उत्साह दिन दूना रात चौगुना हो जाता था। परन्तु, हाय ! 23 अगस्त 1945 को रेडियो जापान से एक दुखदाई खबर प्रसारित हुई, जिसमें कहा गया कि सुभाषचन्द्र बोस एक विमान दुर्घटना में मारे गए। परन्तु भारतीय जनता आज तक इस खबर पर विश्वास नहीं करती।

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