पत्ते से सीख patte se seekha ( प्रेरणा दायक कहानी ) Patte se sikh
 
                     पत्ते से सीख        ( प्रेरणा दायक कहानी )             Patte se sikh गंगा नदी के किनारे पीपल का एक पेड़ था। पहाड़ों से उतरती गंगा पूरे वेग से बह रही थी। तभी अचानक नदी किनारे खड़े पेड़ से दो पत्ते नदी में आ गिरे। एक पत्ता अड़ गया, कहने लगा चाहे जो हो मैं इस नदी को रोक कर ही रहूंगा चाहे मेरी जान ही  क्यों ना चली जाए । मैं इसे आगे नहीं बढ़ने दूंगा।  वह जोर जोर से चिल्लाने लगा। रूक जा गंगा। अब तू और आगे नहीं बढ़ सकती। मैं तूझे यहीं रोक दूंगा। । परंतु नदी बहती ही जा रही थी। उसे तो पता भी नहीं था कि कोई पत्ता उसे रोकने की कोशिश कर रहा है। पत्ते की जान पर बन आई थी। वह लगातार कोशिश कर रहा था। वह नहीं जानता था कि वह बिना  लड़कर भी वही पहुचेगा, जहां लड़कर, थककर, हारकर पहुंचेगा। दूसरा पत्ता नदी के प्रवाह के साथ बड़े मजे से बहता जा रहा था। यह कहता हुआ कि ' चल गंगा , आज मैं तुझे तेरे गंतव्य तक पहुंचाकर ही दम लूंगा। चाहे जो हो जाए, मैं तेरे मार्ग में कोई बाधा नह...