भारत के “प्रथम” (India Firsts) अर्थात वे व्यक्ति, स्थान या घटनाएँ जिन्होंने भारत में किसी क्षेत्र में “सबसे पहले” कार्य किया या उपलब्धि प्राप्त की
भारत के “प्रथम” (India Firsts) अर्थात वे व्यक्ति, स्थान या घटनाएँ जिन्होंने भारत में किसी क्षेत्र में “सबसे पहले” कार्य किया या उपलब्धि प्राप्त की
🇮🇳 भारत के प्रथम व्यक्ति (India’s First Persons)
क्रमांक विषय प्रथम व्यक्ति / स्थान
1 भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
2 भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन
3 भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू
4 भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी
5 भारत के प्रथम गवर्नर जनरल (स्वतंत्र भारत के) लॉर्ड माउंटबेटन
6 भारत के प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी
7 भारत के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल
8 भारत के प्रथम मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच. जे. कANIA
9 भारत के प्रथम मुख्य चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन
10 भारत के प्रथम अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा
11 भारत की प्रथम महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला
12 भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल
13 भारत की प्रथम महिला राज्यपाल सरोजिनी नायडू
14 भारत की प्रथम महिला लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार
15 भारत के प्रथम शिक्षामंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद
16 भारत के प्रथम रक्षा मंत्री बलदेव सिंह
17 भारत के प्रथम नोबेल पुरस्कार विजेता रवीन्द्रनाथ टैगोर (साहित्य, 1913)
18 भारत की प्रथम महिला नोबेल पुरस्कार विजेता मदर टेरेसा
19 भारत के प्रथम उपग्रह का नाम आर्यभट्ट (1975)
20 भारत का प्रथम परमाणु परीक्षण स्थल पोखरण, राजस्थान (1974)
21 भारत की प्रथम मिस वर्ल्ड रीता फारिया (1966)
22 भारत की प्रथम मिस यूनिवर्स सुष्मिता सेन (1994)
23 भारत की प्रथम मिस वर्ल्ड (आधुनिक युग) ऐश्वर्या राय (1994)
24 भारत का प्रथम बैंक बैंक ऑफ़ हिन्दुस्तान (1770)
25 भारत का प्रथम डाक टिकट जारी वर्ष 1852 (सिंध, करांची में)
26 भारत की प्रथम जनगणना 1872 में प्रारंभ
27 भारत की प्रथम योजना आयोग 1950 में स्थापित
28 भारत का प्रथम परमाणु रिएक्टर अप्सरा (ट्रॉम्बे, मुंबई)
29 भारत की प्रथम महिला IPS अधिकारी किरण बेदी
30 भारत की प्रथम महिला मुख्यमंत्री सुचेता कृपलानी (उत्तर प्रदेश
https://amzn.in/d/7TBMscj
अरुण यह मधुमय देश हमारा
Arun yah maddumay desh hamara
Jayshankar Prasad
अरुण यह मधुमय देश हमारा ।
अरुण यह मधुमय देश हमारा,
जहां पहुंच अनजान क्षितिज को मिलता एक सहारा।
सरस तामरस गर्भ विभा पर,
नाच रही तरुशिखा मनोहर।
छिटका जीवन हरियाली पर,
मंगल कुंकुम सारा।
अरुण यह मधुमय देश हमारा।।
लघु सुर धनु से पंख पसारे,
शीतल मलय समीर सहारे,
उड़ते खग जिस ओर मुंह किए,
समझ नीड़ निज प्यारा।।
अरुण यह मधुमय देश हमारा।।
बरसाती आंखों के बादल,
बनते जहां भरे करुणा जल,
लहरें टकरातीं अनंत की,
पाकर जहां किनारा।।
हेमकुंभ ले ऊषा सवेरे,
भरती ढुलकाती सुख मेरे,
मंदिर उंघते रहते जब जग --
कर रजनी भर तारा।।
अरुण यह मधुमय देश हमारा।।
शब्दार्थ और कठिन शब्दों के अर्थ
अरुण - लालिमा , सूरज, दिनकर।
मधुमय - मृदुल, मीठा, प्यारा
सरस - रस भरे
तामरस - कमल
विभा - सुबह, प्रातः
तरुशिखा- पेड़ की फुनगी
मनोहर - मन को हरने वाला, मन को लुभाने वाले।
कुंकुम -- सिन्दूर।
लघु - छोटे
सुर धनु - इंद्रधनुष
खग - पंछी
नीड़ - घोंसला
निज - अपना
हेम - सोना
कुंभ - घड़ा
हेमकुंभ -- स्वर्ण कलश।
उषा - सुबह
रजनी - रात।
भारतवर्ष की प्रमुख लड़ाइयां पढ़ें
यह मधुमय देश हमारा: भावार्थ
जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित यह गीत 'अरुण यह मधुमय देश हमारा' उनके प्रसिद्ध नाटक चंद्रगुप्त का एक अंश है। यह गीत विदेशी यूनानी सेनापति सेल्युकस की पुत्री कार्नेलिया द्वारा गाया गया है, जो भारत की सुंदरता, शांति और आतिथ्य से मंत्रमुग्ध होकर इस देश की प्रशंसा करती है।
दो बैलों की कथा (क्लिक करें और पढ़ें)
इस गीत का भावार्थ कुछ इस प्रकार है:
भारत की प्राकृतिक सुंदरता:
कार्नेलिया भारत की सुबह की लालिमा (अरुण), हरियाली और शांतिपूर्ण वातावरण का वर्णन करती है। वह कहती है कि यह देश इतना सुंदर है मानो सूर्य की किरणें यहाँ प्रेम से बरसती हों।
अतिथि-सत्कार और प्रेम:
गीत में भारत की अतिथि-सत्कार की भावना को विशेष रूप से उजागर किया गया है। कार्नेलिया महसूस करती है कि भारत एक ऐसा देश है जहाँ अजनबियों को भी सहारा मिलता है और उन्हें प्रेम और सम्मान दिया जाता है, ठीक वैसे ही जैसे एक घोंसला बनाने वाली चिड़िया को यहाँ आश्रय मिलता है।
ज्ञान और शांति का देश:
भारत को ज्ञान और शांति का प्रतीक बताया गया है। यहाँ ज्ञान की किरणें चारों ओर फैलती हैं और लोगों के जीवन से अंधकार दूर करती हैं।
उदारता और विशालता:
भारत की विशालता और उदारता का भी वर्णन है, जहाँ सभी को स्थान मिलता है और हर व्यक्ति को शांति और सुकून का अनुभव होता है।
संक्षेप में, यह गीत भारत की महिमा, प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक समृद्धि, अतिथि-सत्कार और शांतिप्रिय स्वभाव का एक काव्यात्मक चित्रण है। यह बताता है कि भारत एक ऐसा देश है जहाँ प्रेम, सद्भाव और मानवीय मूल्यों को सर्वोपरि रखा जाता है।



टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें