गुरु का आखिरी संदेश , कहानी।
गुरु का आखिरी संदेश , कहानी।
एक महात्मा बहुत वृद्ध हो चले थे।उनका अंत बहुत निकट आ चुका था। एक दिन उन्होंने सभी शिष्यों को बुलाया और कहा - प्रिय शिष्यों! मेरा शरीर जीर्ण हो चुका है।मेरी आत्मा बार बार मुझे शरीर त्यागने को कह रही है। मैंने तय किया है कि आज जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा , तब मैं समाधि ले लूंगा।
गुरु के मुख से यह बात सुनकर सभी शिष्य घबरा गये। शोक विलाप करने लगे। तब गुरु ने उन्हें शांत किया और जीवन का सत्य स्वीकार करने को कहा। थोड़ी देर के लिए चुप्पी छा गई। फिर एक शिष्य ने कहा - गुरु जी क्या आज हमें आप कोई शिक्षा नहीं देंगे ?
गुरु जी ने कहा - जरूर दूंगा।
गुरु जी ने कहा -- मेरे निकट आओ। मेरे मुख में देखो और बताओ कि क्या दीख रहा है। जीभ या दांत?
शिष्य ने कहा - जीभ गुरु जी।
गुरु जी ने फिर पूछा - पहले कौन आया था ?
शिष्य ने कहा - जीभ।
गुरु जी ने कहा - कठोर कौन था ?
शिष्य ने कहा - दांत गुरु जी।
इस पर गुरु जी ने कहा - दांत जीभ से उम्र में छोटे और कठोर होने पर भी पहले चले गए। लेकिन विनम्र, संवेदनशील और लचीली जीभ अभी भी जीवित हैं। तुम सब यह समझ लो कि यहीं संसार का नियम है। जो क्रूर, कठोर और घमंडी है , उसका जल्दी विनाश हो जाता है। तुम सब जीभ की तरह सरल, विनम्र और प्रेम पूर्ण बनने की कोशिश करना।
सरलता, विनम्रता और विनयशीलता चिर स्थाई होता है।
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सर्वनाम किसे कहते हैं ? सर्वनाम के भेद लिखें। पुरूष वाचक, निजवाचक, निश्चय वाचक, अनिश्चयवाचक, संबंध वाचक, प्रश्न वाचक सर्वनाम, sarawnam, pronoun, kind of pronoun in Hindi grammar
संज्ञा के बदले में आने वाले शब्दों को सर्वनाम कहते हैं । दूसरे शब्दों में कहा जाता है कि अपने पूर्वापर संबंध के कारण संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्दों को सर्वनाम कहते हैं।
उदहारण -- राम पटना में रहता है। वह मेरा भाई है। यहां वह शब्द सर्वनाम है। वह शब्द संज्ञा राम शब्द के स्थान पर प्रयुक्त हुआ है। यही पूर्वापर संबंध है।
सर्वनाम के भेद
सर्वनाम के छः भेद हैं
पुरूष वाचक, निज वाचक, निश्चय वाचक, अनिश्चयवाचक, संबंध वाचक, और प्रश्न वाचक सर्वनाम
1. पुरूष वाचक सर्वनाम -- किसी स्त्री अथवा पुरुषों के नामों के बदले आने वाले शब्दों को पुरूष वाचक सर्वनाम कहते हैं। इसके तीन भेद हैं - प्रथम पुरुष, मध्यम पुरुष और अन्य पुरुष।
वह, यह, मैं तुम हम आदि पुरुष वाचक सर्वनाम के उदाहरण है।
2. निजवाचक -- वैसे सर्वनाम जो स्वयं के लिए प्रयोग किए जाते हैं । जैसे - मैं स्वयं चला जाऊंगा। मैं आप ही खा लूंगी।
3. निश्चय वाचक सर्वनाम -- वह सर्वनाम जिससे किसी निश्चित व्यक्ति और वस्तु का बोध हो। जैसे यह कलम मेरी है।
4. अनिश्चयवाचक सर्वनाम -- जिस शब्द से किसी अनिश्चित व्यक्ति अथवा वस्तु का बोध हो। जैसे कोई, कुछ। दरवाजा पर कोई है। उसे कुछ दे दो।
5. संबंध वाचक सर्वनाम - संबंध वाचक सर्वनाम दो व्यक्ति अथवा दो वस्तुओं के बीच संबंध स्थापित करने का काम करता है। जो , सो इसके उदाहरण हैं।
6. प्रश्न वाचक सर्वनाम -- जिस सर्वनाम से प्रश्न पूछा गया है उसे प्रश्न वाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे - कौन, क्या। दरवाजे पर कौन खड़ा है ?
डॉ उमेश कुमार सिंह हिन्दी में पी-एच.डी हैं और आजकल धनबाद , झारखण्ड में रहकर विभिन्न कक्षाओं के छात्र छात्राओं को मार्गदर्शन करते हैं। You tube channel educational dr Umesh 277, face book, Instagram, khabri app पर भी follow कर मार्गदर्शन ले सकते हैं।
https://www.bimalhindi.in/2024/09/blog-post_17.html। हिंदी के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर


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